Breaking News - - ★★ CM डॉ. मोहन यादव ने तिरंगा लहराया:ओलिंपियन विवेक सागर और ऐश्वर्य प्रताप सिंह का किया सम्मान, तिरंगा यात्रा का बच्चों ने किया स्वागत      ★★ मध्यप्रदेश विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह      ★★ आम सभा का योजना 2      ★★ आम सभा का योजना     

मध्यप्रदेश सरकार 220 सीनियर तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर बनाने जा रही है। इसकी फाइल भी दौड़ रही है। संभवत: 25 फरवरी के बाद लिस्ट आ सकती है। ये तहसीलदार पिछले 7 साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। वर्ष 1999 से 2008 के बीच के तहसीलदार इस क्राइटेरिया में आ रहे हैं। जिनकी विभागीय जांच चल रही है, वे डिप्टी कलेक्टर नहीं बन पाएंगे। इधर, कुल 173 नायब तहसीलदारों को भी तहसीलदार का प्रभार दिए जाने की प्रोसेस चल रही है।

बता दें कि मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ पिछले एक साल से पुलिस विभाग की तर्ज पर तहसीलदारों को प्रमोशन देने की मांग उठा रहा है। इसे लेकर CM-मंत्री से गुहार लगाई जा रही थी। इसके बाद सरकार स्तर पर प्रोसेस शुरू की गई, जो अब अंतिम दौर में है। बताया जा रहा है कि जीएडी (सामान्य प्रशासन विभाग) में फाइल दौड़ रही है।

ये क्राइटेरिया तय, विभागीय जांच वालों को मौका नहीं

  • वर्ष 1999 से 2008 के बीच जो नायब तहसीलदार बने और फिर तहसीलदार के पद पर पदोन्नत हुए, लेकिन इसके बाद उन्हें प्रमोशन नहीं मिला।
  • उन तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर नहीं बनाया जाएगा, जिन पर जांच चल रही हो। यानि, ऐसे तहसीलदारों को मौका नहीं मिलेगा।

PSC के जरिए भर्ती हुए, प्रमोशन का इंतजार कर रहे
मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ की मानें तो वर्ष 1999 से 2008 के बीच एमपी पीएससी के जरिए नायब तहसीलदारों की भर्ती की गई थी, लेकिन उन्हें प्रमोशन नहीं मिला। यदि नियम के अनुसार प्रमोशन होता तो दो बार पदोन्नति हो जाती। अब तक वे जॉइंट कलेक्टर बन चुके होते, लेकिन पदोन्नति रुकने के कारण डिप्टी कलेक्टर भी नहीं बन सके। वर्तमान में 220 तहसीलदार हैं, जो पदोन्नति का रास्ता देख रहे हैं। इनमें से कई ऐसे भी हैं, जिन पर विभागीय जांच लंबित है।

गेस्ट कॉलम


ओपिनियन

चुनावी वर्ष:अगली जनवरी तक नौ राज्यों में चुनाव,


वायरल वीडियो

सोशल मीडिया समाचार