दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) पूरे ग्रामीण भारत को निरंतर बिजली की आपूर्ति प्रदान करने के लिए बनाया गया है। यह योजना नवंबर 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस घोषणा के साथ शुरू की गयी थी कि "सरकार नें 1000 दिनों के भीतर 1 मई, 2018 तक 18,452 अविद्युतीकृत गांवों का विद्युतीकरण करने का फैसला लिया है"। यह भारत सरकार की प्रमुख पहलों में से एक है और विद्युत मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है। डीडीयूजीजेवाई से ग्रामीण परिवारों को काफी फायदा हो सकता है क्योंकि बिजली देश की वृद्धि और विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह योजना मौजूदा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाई) को प्रतिस्थापित करेगी लेकिन राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना की सुविधाओं को डीडीयूजीजेवाई की नई योजना में सम्मिलित किया गया है और आरजीजीवीवाई योजना की खर्च नहीं की गई राशि को डीडीयूजीजेवाई में शामिल किया जाएगा।
यह योजना विद्युत मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है और बिजली की 24x7 आपूर्ति की सुविधा को सुगम बनायेगी।
योजना के मुख्य घटक हैं:
- ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एवं गैर कृषि उपभोक्ताओं की आपूर्ति को विवेकपूर्ण तरीके से बहाल करने की सुविधा हेतु कृषि और गैर कृषि फीडरों का पृथक्करण
- ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर / फीडरों / उपभोक्ताओं की नपाई सहित उप-पारेषण और वितरण की आधारभूत संरचना का सुदृढ़ीकरण एवं आवर्धन
- राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत पहले से ही मंजूर माइक्रो ग्रिड और ऑफ ग्रिड वितरण नेटवर्क एवं ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजनाओं को पूरा किया जाना
मुख्य विशेषताएं
नोडल एजेंसी की भूमिका
- विद्युत मंत्रालय के समग्र मार्गदर्शन में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड (आरईसी) योजना के कार्यान्वयन और संचालन के लिए नोडल एजेंसी है। नोडल एजेंसी को उनकी फीस के रूप में निगरानी समिति द्वारा अनुमोदित परियोजना लागत का 0.5% या अवार्ड कॉस्ट, जो भी कम हो, का भुगतान किया जाएगा
- समय-समय पर इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक सभी दिशा निर्देशों और स्वरूपों को अधिसूचित करना
- निगरानी समिति को प्रस्तुत करने से पूर्व (डीपीआर) का मूल्यांकन करना
- मंजूरी के लिए निगरानी समिति की बैठकों का आयोजन करने के लिए संबंधित सभी काम संचालित करना
- अनुदान घटक का प्रशासन
- विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के प्रस्तुतीकरण और परियोजनाओं के एमआईएस को संधारित करने के लिए एक समर्पित वेब पोर्टल का विकास
- कार्यों की गुणवत्ता सहित परियोजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी
योजना के तहत बहिष्करण
- पहले से ही भारत सरकार की अन्य योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कार्य (आरजीजीवीवाई, एनईएफ, आर-एपीडीआरपी आदि)
- एपीएल उपभोक्ताओं के लिए सेवा लाइन
- भूमिगत केबल कार्य
- सब-स्टेशन के लिए भूमि की लागत
- सब-स्टेशन के अलावा अन्य सिविल कार्य
- रास्ते के अधिकार हेतु मुआवजा
- वितरण स्वचालन और आईटी अनुप्रयोग
- कार्यालय उपकरण
- अनिवार्य पुर्जों के अलावा अन्य पुर्जे
- उपकरण और पौधे (टी एंड पी)
- वाहन
- एएमआर / एएमआई, प्रीपेड मीटर और स्मार्ट मीटर
- वेतन और स्थापना व्यय